जोधपुर की पूर्व राजमाता कृष्णा कुमारी के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलू
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं जोधपुर की पूर्व राजमाता कृष्णा कुमारी के जीवन के बारे में जिनका निधन सोमवार 2 जुलाई को हो गया था उनके जीवन से जुड़ी कुछ पहलू जिनके बारे में हम आज बात करेंगे तो आइए शुरू करते हैं
आपको बता दें कि राजमाता कृष्णा कुमारी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थी जिनका निधन कल सोमवार को हो गया उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें जिनके बारे में आज हम बात करने वाले हैं
राजमाता कृष्णा कुमारी ने अब तक
राजपरिवार के पांच पीढ़ी देखी कृष्णा कुमारी 1945 में बहू बनकर जोधपुर आई इससे पहले गुजरात के एक छोटी सी रियासत राजकुमारी वह करते थे उनका विवाह मारवाड़ के तत्कालीन महाराजा उमेद सिंह के बड़े पुत्र महाराजा हनुमत सिंह के साथ में उनकी तीन संतानों में सबसे बड़ी चंद्रेश कुमारी शैलेश कुमारी ओर गज सिंह है
1952 में हनुमान सिंह के विमान हादसे में आकस्मिक निधन के बाद राजमाता ने परिवार और आर्थिक जिम्मेदारी संभाली बेटे के बेहतर भविष्य के लिए छोटी उम्र में ही विदेश भेजने दिया पढ़ने उन्होंने हनुमान सिंह की दूसरी पत्नी जुबेदा के बेटे हुकम सिंह उर्फ टीटू बन्ना को भी उसी महत्व से पाला उन्होंने 1971 में लोकसभा का चुनाव लड़ा इसका परिणाम वह लोकसभा में जीत गई राजमाता एक समाज सुधारक भी थे
उन्होंने श्याम पर्दा प्रथा को त्याग किया और बाकी सभी महिलाओं को भी इस प्रथा को छोड़ने के लिए कहा तो दोस्तों आपको कैसा लगा जोधपुर की पूर्व राजमाता कृष्णा कुमारी की जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलू दोस्तों कमेंट करके जरूर बताएं वीडियो कैसा लगा वीडियो पसंद आया हो तो लाइक जरुर करें धन्यवाद जय हिंद जय भारत
आपको बता दें कि राजमाता कृष्णा कुमारी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थी जिनका निधन कल सोमवार को हो गया उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें जिनके बारे में आज हम बात करने वाले हैं
राजमाता कृष्णा कुमारी ने अब तक
राजपरिवार के पांच पीढ़ी देखी कृष्णा कुमारी 1945 में बहू बनकर जोधपुर आई इससे पहले गुजरात के एक छोटी सी रियासत राजकुमारी वह करते थे उनका विवाह मारवाड़ के तत्कालीन महाराजा उमेद सिंह के बड़े पुत्र महाराजा हनुमत सिंह के साथ में उनकी तीन संतानों में सबसे बड़ी चंद्रेश कुमारी शैलेश कुमारी ओर गज सिंह है
1952 में हनुमान सिंह के विमान हादसे में आकस्मिक निधन के बाद राजमाता ने परिवार और आर्थिक जिम्मेदारी संभाली बेटे के बेहतर भविष्य के लिए छोटी उम्र में ही विदेश भेजने दिया पढ़ने उन्होंने हनुमान सिंह की दूसरी पत्नी जुबेदा के बेटे हुकम सिंह उर्फ टीटू बन्ना को भी उसी महत्व से पाला उन्होंने 1971 में लोकसभा का चुनाव लड़ा इसका परिणाम वह लोकसभा में जीत गई राजमाता एक समाज सुधारक भी थे
उन्होंने श्याम पर्दा प्रथा को त्याग किया और बाकी सभी महिलाओं को भी इस प्रथा को छोड़ने के लिए कहा तो दोस्तों आपको कैसा लगा जोधपुर की पूर्व राजमाता कृष्णा कुमारी की जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलू दोस्तों कमेंट करके जरूर बताएं वीडियो कैसा लगा वीडियो पसंद आया हो तो लाइक जरुर करें धन्यवाद जय हिंद जय भारत
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